गुरुवार, 26 मई 2016

इस मंदिर के आगे मौसम विभाग भी फेल, होती है मानसून की सटीक भविष्‍यवाणी

इस मंदिर के आगे मौसम विभाग भी फेल, होती है मानसून की सटीक भविष्‍यवाणी
इस मंदिर के आगे मौसम विभाग भी फेल, होती है मानसून की सटीक भविष्‍यवाणी
जिले के घाटमपुर में भितरगांव बेहता के जगन्नाथ मंदिर की छत पर जमा हुए पानी के बूंदों के बारे में मानना है कि इसके जरिए मंदिर मानसून के बारे में भविष्यवाणी करता है।
इस मंदिर को ‘बारिश के मंदिर’ नाम से जाना जाता है। यदि पानी की बूंदे बड़ी हैं तो अच्छे मानसून और यदि छोटी हैं तो सूखा होने की बात कही जाती है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, अनेकों वैज्ञानिक व रिसर्च टीम इस जगह पर आए ताकि इस प्रक्रिया को अच्छे से समझ सकें पर कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सका। भगवान जगन्नाथ मंदिर के मुख्य पुजारी केपी शुक्ला ने कहा कि मंदिर का डिजायन अपने आप में अभूतपूर्व है। इस पूरे राज्य के किसी और मंदिर को इस तरह नहीं डिजायन किया गया है। सम्राट अशोक के शासनकाल में देश के अन्य हिस्सों में बनाए गए स्तूपों की तरह ही यह मंदिर भी है। अब इस मंदिर में भगवान जगन्नाथ की पूजा करने हमारी सातवीं पीढ़ी आ रही है।‘
प्रत्येक वर्ष जुलाई में भगवान जगन्नाथ का रथ खींचने और पूजा करने के लिए काफी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। जन्माष्टमी के दौरान मेला भी आयोजित किया जाता है।

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