बाबा साहब को दलितों का मसीहा तक सीमित न करेंः पीएम मोदी |
हमें इस मेमोरियल के लिए 60 साल इंतजार करना पड़ा, शायद ये मेरे भाग्य में था कि मेरे कार्यकाल में इसका निर्माण हो। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब हमें 1956 में छोड़ गए, अाज 60 साल बाद स्मारक की शुरुअात हो रही है। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के बाद की सरकारों के दिल में अंबेडकर नहीं थे ।
उन्होंने कहा कि हम बाबा साहेब को दलितों का मसीहा बता कर अन्याय करते हैं। बाबा साहेब को एेसा सीमित न करें। बाबा साहब अम्बेडकर हर अमानवीय घटना के खिलाफ आवाज उठाने वाले महापुरुष थे। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया जिस तरह से मार्टिन लूथर को देखती है, हम बाबा साहब अम्बेडकर को उससे ज़रा भी कम नहीं देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि देश के लेबर लॉ की आधारशिला अंबेडकर ने रखी थी।अंबेडकर को किसी ने नहीं कहा कि हमसे ज्यादा काम कराया जाता है, यह उनके दिल की आवाज थी जिसके बाद काम के घंटे 8 तय किए गए। डॉ.अंबेडकर ने महिलाओं के हक के लिए तत्कालीन सरकार से इस्तीफा दे दिया था। हमारे लिए जरूरी है कि हम उन्हें उनकी पूर्णता में स्वीकार करें। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने जितना सोचा था, वो सारा आने वाली सरकारों को मानना पड़ा, लेकिन उसके लिए कई सरकारों को आना पड़ा।
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