बुधवार, 18 मार्च 2015

ऐतिहासिक जीत के बाद भी 'आप' से जारी है विदाई....

राजनीति में आम आदमी पार्टी ने जिस तेजी से अपने पैर जमाए यह बात राजनीतिक दलों के लिए किसी उदाहरण से कम नहीं है। काफी तेजी से बड़ी संख्या में लोग इस पार्टी से जुड़े। लेकिन यह बात भी सही है कि इस पार्टी में असंतोष भी काफी तेजी से पनपा। यही वजह है कि जिस तेजी से लोग इस पार्टी से जुड़े, पार्टी छोड़ने वालों ने भी उतनी ही तेजी दिखाई।

पार्टी गठन के तत्काल बाद हुए चुनाव में आप ने दिल्ली में सरकार बनाई। सरकार बनते ही पार्टी में असंतोष भी शुरू हो गया। वैसे राजनीतिक दलों में लोगों का आना जाना तो लगा ही रहता है लेकिन आम आदमी पार्टी ने ईमानदारी और पारदर्शिता को लेकर जो दावे किए थे उस वजह से लोगों की अपेक्षाएं उनसे काफी बढ़ गई थी। आप और उनके नेताओं ने दावा किया था कि सरकार गठन के बाद भी वे आम लोगों की तरह व्यवहार करेंगे। वीआइपी कल्चर के विरोध में भी पार्टी ने बहुत दावा किया था लेकिन सरकार बनने के बाद शायद वे उन दावों पर उतने खरे नहीं उतर पाए।

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