बुधवार, 16 मार्च 2016

विजय माल्या को ब्रिटेन से प्रत्यर्पण कराना भारत के लिए होगी टेढ़ी खीर

विजय माल्या को ब्रिटेन से प्रत्यर्पण कराना भारत के लिए होगी टेढ़ी खीर
विजय माल्या को ब्रिटेन से प्रत्यर्पण कराना भारत के लिए होगी टेढ़ी खीर
विजय माल्या का पासपोर्ट रद्द कराकर उन्हें ब्रिटेन से प्रत्यर्पण कराना जांच एजेंसियों के आसान नहीं होगा। ऐसे मामलों में आरोपियों के ब्रिटेन से प्रत्यर्पण कराने में जांच एजेंसियों के अभी तक के अनुभव अच्छे नहीं रहे हैं।

पिछले 10 साल से वार रूम लीक मामले के आरोपी रवि शंकरन का प्रत्यपर्ण कराने में सीबीआइ को सफलता नहीं मिली है। वहीं प्रवर्तन निदेशालय ललित मोदी के खिलाफ इंटरपोल का रेड कार्नर नोटिस जारी कराने के लिए पांच महीने से इंतजार कर रहा है। एक जांच एजेंसी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जब सारे सबूत होने के बावजूद रवि शंकरन के प्रत्यर्पण कराने में सफलता नहीं मिली है, तो बिना जांच के विजय माल्या के प्रत्यर्पण कराने का दावा करना उचित नहीं होगा।

दरअसल, वार रूम लीक केस में सीबीआइ ने 2006 में ही रवि शंकरन को भगोड़ा घोषित कर रेड कार्नर नोटिस जारी करा दिया था। इसके बाद रवि शंकरन ने 2010 में ब्रिटेन की एक अदालत में आत्मसमर्पण भी कर दिया थी। सीबीआइ अदालत में रवि शंकरन के खिलाफ केस जीत भी गई। इसके बावजूद अभी तक उसका प्रत्यर्पण नहीं कराया जा सकता है। जबकि रवि शंकरन पर ज्यादा संगीन आरोप है। पूर्व नौसेनाध्यक्ष अरुण प्रकाश के भतीजे रवि शंकरन पर नौसेना के वार रूम से गोपनीय सूचनाएं चुराने का आरोप है। इस मामले में नौसेना के आधा दर्जन अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट भी हो चुकी है।


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