भारत को मिलेगा कच्चा तेल, रूस के दो ब्लॉकों में मिली हिस्सेदारी |
भारतीय ऊर्जा कूटनीति को उस समय एक बड़ी सफलता हासिल हुई जब इंडियन ऑयल के नेतृत्व में तीन सरकारी तेल कंपनियों ने रूस के दो बड़े हाइड्रोकार्बन ब्लॉकों में अहम हिस्सेदारी खरीदने का समझौता कर लिया।
दुनिया की एक बड़ी तेल कंपनी रोसनेफ्त के साइबेरिया स्थित दो बड़े तेल ब्लॉकों में इंडियन ऑयल, ऑयल इंडिया और भारत पेट्रोलियम (बीपीसीएल) ने हिस्सेदारी खरीदी है। इन फील्डों में भारतीय कंपनियां कुल 4.2 अरब डॉलर यानी तकरीबन 28,250 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी।
यह समझौता दोनों पक्षों के लिए बहुत अहम है क्योंकि एक तरफ जहां मंदी के इस दौर में रोसनेफ्त को निवेश के लिए नई राशि मिल गई है वही भारतीय कंपनियों को अहम पेट्रोलियम ब्लॉकों में हिस्सेदारी मिली है जो भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए अहम साबित हो सकती है।
पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और रोसनेफ्त के सीईओ इगोर सेशिन की उपस्थिति में ये समझौते हुए। पहला समझौता आइओसी, ऑयल इंडिया, हिंदुस्तान पेट्रोलियम के कंसोर्टियम ने रोसनेफ्त की तास-यूरियाख तेल ब्लॉक में 29.9 फीसद हिस्सेदारी खरीदने के लिए किया। इसमें भारतीय कंपनियां 1.28 अरब डॉलर का निवेश करेंगी।
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