मंगलवार, 23 फ़रवरी 2016

JNU विवादः घटना के दिन से ही उमर साथियों के साथ कैंपस में मौजूद था!

JNU विवादः घटना के दिन से ही उमर साथियों के साथ कैंपस में मौजूद था!
JNU विवादः घटना के दिन से ही उमर साथियों
के साथ कैंपस में मौजूद था!
जेएनयू के अंदर देशद्रोही नारे लगाने के आरोपी छात्रों के आगे दिल्ली पुलिस के खुफिया तंत्र से लेकर केंद्रीय खुफिया एजेंसियां हर स्तर पर फेल साबित हुईं। मुख्य साजिशकर्ता उमर खालिद समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार करना तो दूर खुफिया एजेंसियां उनकी लोकेशन तक ट्रैस नहीं कर सकी। सूत्रों का यहां तक कहना है कि सारे आरोपी शायद जेएनयू के अंदर ही मौजूद थे और पुलिस राज्यों में छापेमारी कर उन्हें ढूढ़ रही थी।

आरोपी छात्र रविवार को अचानक कैंपस में दाखिल भी हो गए और खुफिया तंत्र को भनक तक नहीं लगी। दिल्ली पुलिस के खुफिया तंत्र की सबसे बड़ी असफलता जेएनयू में आयोजित हुए कार्यक्रम के बारे में पूरी जानकारी न होने से ही सामने आ गई थी।

स्पेशल सेल, क्राइम ब्रांच, खुफिया तंत्र ही नहीं केंद्रीय खुफिया एजेंसी को भी आभास नहीं था कि जेएनयू में देशविरोधी कार्यक्रम का आयोजन होने जा रहा है। अफजल गुरू और मकबूल भट के समर्थन और भारत के टुकड़े करने जैसे नारेबाजी के बावजूद पुलिस सक्रिय नहीं हुई। वह अगले दिन वीडियो जारी होने के बाद सक्रिय हुई।

पुलिस ने सिविल ड्रेस में जेएनयू से कन्हैया कुमार से पूछताछ की और गिरफ्तार किया। मुख्य आरोपी बनाए जाने की खबर मिलते ही उमर खालिद, आशुतोष कुमार, अनिर्बान भट्टाचार्य, रामा नागा, अनंत प्रकाश फरार हो गए।

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