मंगलवार, 17 मार्च 2015

जाटों को दिए गए अारक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने किया रद

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पिछली यूपीए सरकार के फैसले को पलटते हुए जाटों को दिए गए आरक्षण को रद कर दिया है। तत्कालीन सरकार ने अध्ािसूचना के जरिए जाटों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटे से आरक्षण दिया था।

मालूम हो कि यूपीए सरकार ने लोकसभा चुनाव से ऐन पहले ओबीसी कोटे से आरक्षण देने की अधिसूचना जारी की थी। लेकिन इसे ओबीसी आरक्षण रक्षा समिति ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी और इस फैसले के जरिये तत्कालीन सरकार पर चुनावी लाभ उठाने का आरोप लगाया था। याचिका में कहा गया था कि जाट सामाजिक और आर्थिक रूप से सबल होते हैं इसलिए ओबीसी कोटे के तहत इन्हें आरक्षण नहीं दिया जा सकता है।

याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट कोर्ट की जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस आर फली नरीमन की दो सदस्यीय खंडपीठ ने 11 दिसंबर 2014 को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने भी याचिकाकर्ता की तर्क को मानते हुए कहा कि ओबीसी आरक्षण के लिए आर्थिक और सामाजिक पिछड़ापन जरूरी होना चाहिए।

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