फिर ‘दीदी’ का हुआ बंगाल, ममता की आंधी में ध्वस्त हो गया सारधा, नारदा |
सारधा, नारदा, सिंडिकेट से लेकर कई और झंझावात से जुझते हुए ममता बनर्जी को अंतत: ऐतिहासिक रिकार्ड जीत हासिल हुई। इस तरह एक बार फिर बंगाल अब ममता का हुआ, जबकि चौंतीस साल से एकछत्र राज करने वाले वाममोर्चा को कांग्रेेस से हाथ मिलने के बावजूद दूसरी बार भी करारी हार का सामना करना पड़ा।
कयासों, आशंकाओं के बीच ममता की आंधी ऐसी चली कि माकपा राज्य सचिव व विधानसभा में विपक्ष के नेता सूर्यकांत मिश्रा अपनी सीट भी नहीं बचा पाए। ममता की हवा में माकपा-कांग्रेे के कई दिग्गज ऐसे प्रतिद्वंदी प्रत्याशियों के हाथों उड़ गए, जिनकी राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं रही है। तृणमूल कांग्रेस को अकेले इतनी सीटें मिलती दिख रही है कि जिसकी उम्मीद शायद ही तृणमूल नेता को भी होगी।
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